- Spirituality
- Eenadu
Divine Connection In The Media


इटावा। अमेरिका, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड समेत कई देशों से सैलानी इटावा में आए हुए हैं। जहां उन्होंने कई गांवों में भ्रमण करके यहां के रहन-सहन को देखा और समझा। विदेशी मेहमानों ने ईंट भट्टों पर जाकर ईंट निर्माण को देखा। इसके साथ ही उन्होंने हवन में भी हिस्सेदारी ली।
अमेरिका के आध्यात्मिक गुरु महेन्द्र त्रिवेदी बताते हैं कि भगवान कण-कण में विराजमान हैं। तन के लिए जितना भोजन जरूरी है, मन के लिए भजन भी उतना ही आवश्यक है। जैसे बिना भूख के भी समय हो जाने पर भोजन कर लेते हैं, वैसे ही भजन नियमित करें। उन्होंने धर्म और विज्ञान का व्यापक...
विदेशियों ने खेतों में चलाया हल
वहीं, भारत घूमने आए विदेशियों ने यहां पहुंचकर खेत खलिहान देखे और प्राइमरी स्कूल के बच्चों से बातचीत की कोशिश की। अमेरिका के रहने वाले इन लोगों ने खेत में हल भी चलाया। इनको भारत देश और यहां की संस्कृति काफी आकर्षित करती है। बकेवर के गांव इंद्रापुर में गुरुवार की दोपहर आधा सैकड़ा विदेशी मेहमान पहुंचे। इंद्रापुर में अपनी ननिहाल आए अमेरिका के रहने वाले आध्यात्मिक गुरु महेंद्र कुमार त्रिवेदी और उनके साथ ही उनके अनुयायी यहां पहुंचे।
मजदूरों से ईंट निर्माण की प्रक्रिया समझी
इंद्रापुर आने के पहले विदेशी सैलानी भरथना के मोदी के पास स्थित एक ईंट भट्टे पर पहुंचे। सभी विदेशियों ने कैसे मिट्टी से ईंट बनाकर पकाई जाती है, देखा तो भौचक रह गए। अमेरिका के आध्यात्मिक गुरु महेंद्र त्रिवेदी के नेतृत्व में उनके 51 विदेशी अनुयायी गुरुवार को मोढ़ी स्थित एक ईंट भट्टा पर पहुंचे और ईंट निर्माण की प्रक्रिया समझने के साथ उससे जुड़े कारीगरों और मजदूरों के साथ अनुभव साझा किए।
महेन्द्र त्रिवेदी के साथ आए सैलानियों में ऑस्ट्रेलिया की डेजी भी थीं। उन्होंने बताया कि वे कई बार भारत में भ्रमण पर आ चुकी हैं। उनको भारत देश और यहां की संस्कृति काफी लुभाती है। उन्होंने कहा कि यहां लोग खुले दिल के होते हैं और मन में पाप नहीं होता है। साथ ही यहां के लोगों के दिल में एक दूसरे के लिए प्रेम की भावना विदेशों से काफी अधिक होती है।